महालेखाकार ने मांगी 50 लाख से अधिक प्रोजेक्ट्स की जानकारी
राज्य सरकार के उन कामों की लागत की जानकारी ऑडिटर जनरल कार्यालय ने मांगी है, जिनकी लागत 50 लाख से अधिक है। इसके साथ ही सरकार से यह भी पूछा गया है जो प्रोजेक्ट पेंडिंग हैं उसकी पेंडेंसी की वजह क्या है और पेंडिंग होने के बाद प्रोजेक्ट की लागत कितनी बढ़ गई है।
प्रधान लेखाकार मध्यप्रदेश ने यह जानकारी प्रदेश के जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग समेत उन सभी विभागों से मांगी है, जिनके बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन विभागों से कहा गया है कि 31 मार्च 2025 की स्थिति में पेंडिंग 50 लाख से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी जाए।
इसको लेकर एक फार्मेट भी जारी किया गया है जिसमें यह बताने को कहा गया है कि प्रोजेक्ट का नाम और उसकी लागत व काम पूरी होने की समय सीमा बताई जाए। जिस प्रोजेक्ट की लागत और समय सीमा बढ़ी है, उसकी रिवाइज्ड लागत और नई समय सीमा बताने को कहा गया है। साथ ही यह भी बताने को कहा गया है कि जो प्रोजेक्ट डिले हुआ है उसके डिले होने की वास्तविक वजह लिखित में बताई जाए।
दरअसल, अफसरों की लापरवाही के चलते डिले होने वाले प्रोजेक्ट्स को लेकर पहले भी आपत्ति उठती रही है और इसी के चलते महालेखाकार कार्यालय ने ऐसे प्रोजेक्ट्स की जानकारी तलब की है।
हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है कि ऑडिटर जनरल कार्यालय ने रिपोर्ट मांगी है, इसके पहले भी जानकारी चाही गई थी जो नहीं दी गई। ऑडिटर जनरल कार्यालय ने इसके पहले अप्रेल में और फिर पिछले दो महीनों में भी रिपोर्ट मांगी थी जो उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसलिए अब एक बार फिर विभागों को सीधे पत्र लिखकर जानकारी देने के लिए कहा गया है।