बिहार चुनाव: NDA के वे चौंकाने वाले चेहरे, जिनके नाम ने कार्यकर्ताओं को भी कर दिया हैरान
पटना: चुनावी राजनीति में जीत के समीकरण साधने के लिए राजनीतिक दल अक्सर अपने उम्मीदवार बदलते रहते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है जब पार्टी के उम्मीदवार का नाम सुनकर कार्यकर्ता ही चौंक जाते हैं। ऐसे कई नामों का विरोध भी होता है, और नाराज लोग कई बार नामांकन तक दाखिल कर देते हैं। कुछ गठबंधन में नाम वापसी का प्रयास सफल हो जाता है, तो कहीं शीर्ष नेता के दबाव में कार्यकर्ता चुप भी हो जाते हैं। लेकिन कई बार बागी किसी के प्रभाव में नहीं आते और विद्रोही के रूप में रणभूमि में डटे रहते हैं। आइए जानते हैं- बिहार चुनाव में NDA (एनडीए) के भीतर ऐसे ही कुछ चौंकाने वाले उम्मीदवारों के बारे में…
मैथिली ठाकुर (अलीनगर)
प्रख्यात गायिका मैथिली ठाकुर का अलीनगर से उम्मीदवार बनना सबसे चौंकाने वाले नामों में से एक है। यह सीट पहले VIP के मिश्री लाल यादव ने जीती थी, लेकिन बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और हाल ही में उन्होंने बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया।
रत्नेश कुशवाहा (पटनासाहिब सीट)
पटनासाहिब से रत्नेश कुशवाहा का नाम भी चौंका गया। इस नाम का भी जिक्र NBT की रिपोर्ट में किया गया था। प्रदेश चुनाव समिति ने इस नाम पर विचार किया। बाद में यह कहकर चर्चा आगे बढ़ा दी कि वर्तमान विधायक नंदकिशोर यादव विधानसभा अध्यक्ष भी हैं, इसलिए यह सीट केंद्रीय चुनाव समिति के लिए छोड़ दी गई। यहां से सम्राट चौधरी के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन अंततः टिकट रत्नेश कुशवाहा को मिला।
महेश पासवान (अंगियांव सीट)
महेश पासवान को अंगियांव विधासनसभा सीट से टिकट मिलना सबको चौंका गया। चौंकाने वाली बात यह थी कि वह हर बार विधायक के उम्मीदवार होते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलता था। इस बार भी मान लिया गया था कि उनका नाम केवल पैनलों तक ही सीमित रहेगा। लेकिन, एक गरीब आदमी और कार्यकर्ता महेश पासवान को टिकट देकर बीजेपी ने अच्छा संदेश दिया।
बक्सर से आनंद मिश्रा
बक्सर से आनंद मिश्रा को टिकट देना चौंका गया। चौंकने की वजह यह थी कि जिस आनंद मिश्रा ने बक्सर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़कर बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री अश्वनी चौबे की हार का कारण बने, उन्हें बीजेपी पुरस्कृत कर विधानसभा चुनाव लड़ाएगी यह असंभव सा लग रहा था।
डुमरांव सीट से एनडीए प्रत्याशी राहुल सिंह
राहुल सिंह को जदयू ने डुमरांव से टिकट देकर सबको चौंकाया। ये राहुल सिंह कुछ ही दिन पहले जदयू में शामिल कराए गए। इनके नाम की घोषणा ने भी प्रारम्भ में चौंकाया, पर बाद में पता चला कि ये दिल्ली सरकार में मंत्री पंकज सिंह के भाई हैं। इसलिए इन्हें डुमरांव से चुनाव लड़ाया गया।
अमौर में साबिर अली को टिकट
अमौर सीट से पहले पहले पूर्व विधायक सबा ज़फर को, फिर पूर्व राज्यसभा सदस्य साबिर अली को सिंबल दिया गया। साबिर अली एक आपराधिक छवि वाला किरदार माने जाते हैं। इस वजह से लग रहा था कि यह परिवर्तन होगा। लेकिन बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह की पहल पर इस घटनाक्रम का रविवार दोपहर को पटाक्षेप हुआ और टिकट साबिर अली को मिला। इस फैसले ने पार्टी कार्यकर्ताओं को गहरे आश्चर्य में डाल दिया।