मध्य प्रदेश को पांच हिस्सों में बांटकर चुनाव की तैयारी में जुटेगी कांग्रेस

भोपाल। वर्ष 2023 के विधानसभा और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों कांग्रेस को करारी हार मिली। इससे सबक लेते हुए वर्ष 2025 में ध्यान संगठन सृजन पर केंद्रित किया। यह काम पंचायत स्तरीय इकाई के गठन के साथ पूरा हो जाएगा। इसके बाद संगठन चुनाव की तैयारी में जुटेगा।

इसके लिए प्रदेश को पांच हिस्सों ग्वालियर- चंबल, मालवा-निमाड़, महाकोशल, मध्य क्षेत्र और बुंदेलखंड-विंध्य में बांटा जाएगा। मैदानी तैयारी करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ क्षेत्र के पदाधिकारियों की टीम बनेगी। इसका काम उन क्षेत्रों को चिह्नित करना होगा, जहां पार्टी थोड़ा और जोर लगाए तो परिणाम पक्ष में आ सकते हैं।प्रदेश में दलीय राजनीति के आधार पर चुनाव का सिलसिला वर्ष 2027 में शुरू होगा। सबसे पहले नगरीय निकाय चुनाव होंगे। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 16 नगर निगमों से पांच में महापौर बनाने में सफलता प्राप्त की थी। हालांकि, कई निकायों में पार्टी को प्रत्याशी तक नहीं मिले थे। चूंकि, निकाय चुनाव से जो वातावरण बनता है वह एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को उत्साहित करता है।

इसलिए पार्टी ने तय किया है कि जिस तरह वर्ष 2025 में पूरा ध्यान संगठन पर केंद्रित किया गया, वैसे ही वर्ष 2026 में पूरा फोकस चुनावी तैयारियों पर रहेगा। प्रदेश कांग्रेस सहकारी समिति, मंडी और पंचायत चुनाव के लिए भी अलग-अलग टीम बनाएगी। ये सभी चुनाव गैर दलीय आधार पर होते हैं लेकिन राजनीतिक दखल पूरा रहता है।

स्थानीय नेताओं मिलेगी प्राथमिकता

कुछ जगह हुए विवादों को छोड़ दिया जाएगा तो संगठन सृजन अभियान सफल रहा। नई टीम तैयार हुई। प्रस्तावित पांचों हिस्सों में चुनाव की तैयारियां वरिष्ठ नेता के अगुआई में बनने वाली टीम करेगी। इसमें सहमति के आधार पर स्थानीय नेताओं को प्राथमिकता मिलेगी। इनका काम पिछले चुनावों के आधार पर उन क्षेत्रों को चिह्नित करना होगा, जहां कांग्रेस की स्थिति भाजपा से बेहतर, बराबरी या फिर कमजोर की है।

जिन स्थानों पर पार्टी आगे हैं, वहां उसे और बेहतर बनाने, जहां बराबरी की स्थिति में है और थोड़ा जोर लगाने पर आगे आ सकती है, वहां फोकस किया जाएगा। कमजोर कड़ियां भी टीम चिह्नित करेगी। टीम वह उपाय भी प्रदेश कांग्रेस को बताइएगी, जिनसे सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इसके साथ ही जिला, ब्लाक और बूथ स्तर की इकाइयों से समन्वय बनाकर तैयारी कराने का होगा।

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