ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग, No Kings के नारों के साथ देश भर में विरोध प्रदर्शन, रिपब्लिकन बोले- हेट अमेरिका रैली

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के विरोध में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एजेंलिस समेत तमाम शहरों में शनिवार को लाखों लोग इकठ्ठा हुए। अलग-अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों ने नो किंग्स के नारे के साथ मार्च निकाला और रैलियां कीं। No Kings(अब कोई राजा नहीं) के नाम से बुलाए गए इस प्रदर्शन का असर केवल अमेरिका तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि कनाडा, यूरोप और पूरे यूरोप में इसकी गूंज सुनाई दी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के तेजी से अधिनायकवाद की तरफ बढ़ने की निंदा की।
स्क्वायर में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे जिन्होंने अपने हाथों में नारों से लिखे बैनर ले रखे थे। वहीं, बोस्टन, अटलांटा और शिकागो में हजारों की संख्या में लोगों ने रैलियां की। प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन और लॉस एंजेलिस शहर में मार्च किया और कई रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्यों में राजधानियों के बाहर सार्वजनिक स्थानों पर धरना दिया।

रिपबल्किन पार्टी ने कहा- हेट अमेरिका रैली

ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने इन प्रदर्शनों को हेट अमेरिका (अमेरिका से नफरत वाली) वाली रैलियां करार दिया है। ट्रंप के इस साल राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से यह तीसरा बड़ा सामूहिक प्रदर्शन था। यह ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका शट डाउन का सामना कर रहा है जिसने संघीय कार्यक्रमों और सेवाओं को बंद कर दिया है।असंतुष्ट लोग ट्रंप प्रशासन की कई खास नीतियों और कामों का भी विरोध कर रहे हैं, जिनमें अमेरिकी शहरों में संघीय बलों/नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती शामिल है। आंदोलनकारी इसे संघीय शक्ति का अतिक्रमण और सैन्यीकरण कहा है। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक अमेरिका के सभी 50 राज्यों में 2500 से ज्यादा प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है।

ट्रंप बोले- मैं राजा नहीं

इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने इस आरोप को खारिज किया है कि वे किसी राजा की तरह काम कर रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं राजा जैसा महसूस नहीं करता। मुझे किसी भी चीज की मंजूरी दिलाने के लिए नरक से गुजरना पड़ता है। उन्होंने राष्ट्रपति पद को डीप स्टेट, डेमोक्रेट्स के प्रभुत्व वाली नौकरशाही और एक कट्टरपंथी वामपंथी विपक्ष से नियंत्रित एक कठिन काम बताया है, जिसने ज्यादातर गोरे अमेरिकियों की असाधारणता को कम कर दिया है।

ट्रंप समर्थकों के निशाने पर प्रदर्शन

ट्रंप के प्रतिनिधियों ने इसे कट्टरपंथी वामपंथी प्रदर्शनकारियों द्वारा आजोजित अमेरिका से नफरत करने वाली रैलियां कहा, जिन्हें वे एंटीफा कहते हैं। फॉक्स न्यूज से वॉइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि ये रैलियां डेमोक्रेटिक पार्टी से आयोजित और समर्थित हैं। लेविट ने आरोप लगाया कि इसका मुख्य मतदाता वर्ग हमास आतंकवादियों, अवैध विदेशियों और हिंसक अपराधियों से बना है।

हालांकि, देखने में रैलियां कुछ और ही थीं जिसमें ज्यादातर श्वेत अमेरिकी मूल के लोग ही थे। विरोध प्रदर्शनों में दक्षिणपंथी भड़काउ तत्वों के घुसपैठ के डर से कई जगहों पर रैली आयोजकों ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और अपनी चिंताओं को निजी तौर पर व्यक्त करने का आग्रह किया। इसके साथ ही फिलिस्तीनी झंडे, यूक्रेन के समर्थन जैसे प्रतीकों को अपने साथ न लाने और कोई भी हथियार न ले जाने का आग्रह किया।

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