मध्य प्रदेश में तबादलों की आंधी, दौड़ी ‘ट्रांसफर एक्सप्रेस’

भोपाल: ट्रांसफर के लिए कोशिश में जुटे कर्मचारी अधिकारियों के लिए तबादलों का रास्ता जल्द खुलने जा रहा है. राज्य सरकार जल्द ही तबादलों से रोक हटाने जा रही है. राज्य शासन ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. सामान्य प्रशासन विभाग जल्द ही तबादला नीति तैयार कर मुख्य सचिव कार्यालय को सौंपेंगा. मुख्य सचिव अनुराग जैन अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा कर इसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेंगे. बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक तबादला नीति को राज्य शासन की मंजूरी मिल सकती है.

तीन सालों से जमे कर्मचारी अधिकारी हटेंगे
नई तबादला नीति में एक ही स्थान पर तीन सालों से जमे अधिकारी कर्मचारियों को हटाया जाएगा. ऐसे अधिकारियों को दूसरे जिलों में भेजा जाएगा. हालांकि तबादला नीति में तय किया जाएगा कि किस विभाग के कितने फीसदी कर्मचारियों को बदला जाना है. किसी भी विभाग में 10 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे.

अधिकारी कर्मचारियों के होंगे ट्रांसफर 
बड़े विभागों में इस सीमा को बढ़ाया जा सकता है. स्वैच्छिक आधार पर होने वाले तबादलों में सरकार किसी भी तरह के भत्ते का लाभ नहीं देगी. भत्ते का लाभ सिर्फ उन्हीं कर्मचारी अधिकारियों को मिलेगा, जिनका प्रशासनिक आधार पर तबादला होगा.

मंत्रियों और प्रभारी मंत्रियों को मिलेंगे अधिकारी
राज्य सरकार ने जनवरी माह में मंत्रियों को विशेष परिस्थितियों में तबादले के अधिकार दिए थे. इसमें गंभीर बीमारी, कोर्ट के आदेश या प्रशासनिक आवश्यकता के मामलों में ही तबादले मंत्रियों की अनुशंसा के आधार पर करने के अधिकार दिए थे. नई तबादला नीति में भी प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा पर विभागीय मंत्रियों को तबादले के अधिकार दिए जा सकते हैं. सुपर गजटेड अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री समन्वय से ही किए जाएंगे.

टीचर्स के तबादलों की अलग पॉलिसी
उधर स्कूल शिक्षा विभाग के लिए राज्य शासन अलग से तबादला नीति लेकर आएगी. बताया जा रहा है कि पिछले सालों की तरह इस साल भी ऑनलाइन तरीके से ही शिक्षकों के तबादलें होंगे. इसमें शिक्षकों को खुद ही ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके बाद पद रिक्त होने पर तबादलें होंगे. ताकि इससे अतिशेष शिक्षकों की स्थिति पैदा न हो सके.
 

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